दिल की धड़कन


दिल की धड़कन


उठी है धूल जो उपर, कोई हवा तो चली होगी
कोई तो फूंकता होगा, तभी तो आग ये जली होगी
नहीं बेसबब होती कोई भी बात दुनिया में
गुजरा कोई तो होगा, तभी धड़कन बढ़ी होगी।

चाहिए कम से कम एक जोड़ा आग भड़काने को        फकत एक नाकाफी है घर का चूल्हा जलाने को         किसी एक के जाने से सुलगते अहसास रह जाते         धुआं तो खूब उठता है, मगर शोले हैं दब जाते।

ये इश्को नाज की बातें, ये किस्से वफाओं के
फकत धोखे हैं आंखों के, कभी सच नहीं होते
चाहना, प्रेम करना और फिर दिल में बसा लेना
सब किस्मत की बातें हैं, ये बातें सच नहीं होती।

किसी के प्यार में हद से गुजरना भी गुनाह होगा
किसी की चाह में खुद को बदलना भी कज़ा होगा
ना जाने कब वो फिर जाए अपने ही वादों से
बहुत आगे निकलने से लौटना मुमकिन न फिर होगा।।

संभालो खुद को खुद ही तुम और कौन आएगा
किसको पड़ी है जो जलती में हाथ को जलाएगा
अभी भी वक्त है प्यारे ये वक्त लौट ना पाएगा
जला के आशियां तेरा खड़ा दूर वो मुस्काएगा।।

आभार – नवीन पहल – २०.०७.२०२३ 💔💔

# दैनिक प्रतियोगिता हेतु 


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3 Comments

Abhinav ji

21-Jul-2023 08:54 AM

Very nice 👍

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Gunjan Kamal

20-Jul-2023 10:50 PM

👏👌

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Mohammed urooj khan

20-Jul-2023 08:36 PM

गजब 👌👌👌👌

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